फ़ॉलोअर
गुरुवार, 4 मार्च 2010
पंडित गोविंद वल्लभ पंत पुरस्कारों की घोषणा
केंद्रीय गृह मंत्रालय के पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (BPRD) ने साल 2009-2010 के लिए पंडित गोविंद बल्लभ पंत पुरस्कारों की घोषणा की है। इसके लिए अलग-अलग विषयों पर पुस्तकें लिखने के लिए बतौर पुरस्कार 30 से 40 हजार रुपए तक की राशि दी जाती है। इसके साथ ही पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो की तरफ से लेखकों की पुस्तकों का प्रकाशन भी किया जाता है। इस बार छह विषयों के तहत पुरस्कार के लिए लेखकों/पत्रकारों का चयन किया गया है। ब्यूरो को प्राप्त आवेदनों में से छह लेखकों का चुनाव किया गया। इस पुरस्कार के लिए लेखकों के नाम को अंतिम रुप देने का काम एक कमेटी करती है। इस चुनाव के लिए ब्यूरो के महानिदेशक प्रसून मुखर्जी की अध्यक्षता में गठित एक कमेटी ने छह लेखकों के नाम पर अंतिम मुहर लगाई। पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो साल 1982 से हिंदी में पुस्तकें उपलब्ध कराने के लिए यह योजना चला रहा है। 'वैध समस्याओं के निदान के लिए हिंसा की बढ़ती प्रवृत्ति' विषय पर पुस्तक के लिए ज़ी न्यूज़ के प्रोड्यूसर राकेश प्रकाश को 40 हजार रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। 'अपराधियों का सुधार एवं पुनर्वास' विषय पर पुस्तक लेखन के लिए नीना लांबा को भी 40 हजार रुपये का पुरस्कार दिया गया है। इसके अलावा 'साइबर क्राइम' पर पुस्तक के लिए संतोष शुक्ल, 'चिकित्सीय न्यायशास्त्र एवं विधि विज्ञान' के लिए शैलेंद्र कुमार अवस्थी, 'कानूनी उपचार विधि' के लिए सुरेश ओझा और 'आतंकवाद व मनोवृत्ति का विकृत उन्माद' पुस्तक के लिए ज्योति शंकर चौबे को 30-30 हजार रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो की तरफ से जल्द ही पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया जाएगा। जिसमें चुने गए सभी लेखकों को पुरस्कार स्वरूप प्रतीक चिन्ह,प्रमाण पत्र और पुरस्कार राशि भेंट की जाएगी। न्यूज़ चौपाल की तरफ से सभी सफल आवेदकों को बधाई और शुभकामनाएं।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Seeing our scholar defending his PhD thesis during ODC was a great moment. This was the result of his hard work. Dr. Sanjay Singh, a senior...

-
छपाई एक कलाकृति है। यह प्रारंभिक चित्र के समान प्रकार में लगभग विविधता की अनुमति देती है। भारत में छपाई का इतिहास 1556 से शुरू होता है। इस य...
-
Seeing our scholar defending his PhD thesis during ODC was a great moment. This was the result of his hard work. Dr. Sanjay Singh, a senior...
-
दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में महिलाओं की सामाजिक , आर्थिक और सांस्कृतिक आजादी को सुनिश्चित करने की दिशा में पुरजोर तरीके से ठोस ...
बढ़िया जानाकरी दी है आपने , आभार
जवाब देंहटाएंआभार जानकारी का.
जवाब देंहटाएं