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शनिवार, 9 अप्रैल 2016
जुलाई से डिब्बाबंद वस्तुओं पर उत्पादों की जानकारी देना ज़रुरी
अब सभी डिब्बाबंद वस्तुओं को छह जरूरी जानकारियों को प्रमुखता के साथ प्रदर्शित करना होगा। ये जानकारी पैकेट के कम से कम 40 फीसदी क्षेत्र (ऊपर और नीचे के हिस्से को छोड़कर) में प्रदर्शित होनी चाहिए ताकि उपभोक्ता उसे आसानी से पढ़ सकें। इस उद्देश्य के लिए उपभोक्ता मामले , खाद्य तथा सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने डिब्बाबंद वस्तुओं के नियमों में बदलाव किया है। मसूरी में कल भारतीय मानक ब्यूरो की बैठक की अध्यक्षता करते हुए केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य तथा सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री रामविलास पासवान ने अपने मंत्रालय के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह जुलाई से इन संशोधित नियमों को लागू कराया जाना सुनिश्चित करें।
संशोधन के मुताबिक पैकेट के 40 फीसदी हिस्से पर पढ़ने लायक फॉन्ट साइज़ में निर्माता का नाम/पैकेजर/आयातक, उत्पाद की शुद्ध मात्रा, उत्पाद के निर्माण की तिथि, खुदरा बिक्री मूल्य और उपभोक्ता देखभाल संपर्कों को प्रदर्शित करना होगा। नए नियमों का सख्ती के साथ पालन हो, इसके लिए निगरानी विभाग भी बनाया जाएगा।
श्री पासवान ने कहा कि उनका मंत्रालय उपभोक्ताओं की शिकायतों के निपटारे के लिए त्वरित प्रतिक्रिया पद्धति स्थापित कर रहा है। साथ ही मौजूदा राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन को भी इसके लिए तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा अब एक वरिष्ठ अधिकारी दैनिक आधार पर शिकायतों के निपटान की निगरानी करेगा। श्री पासवान ने उम्मीद जताई कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, जिसमें उपोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए कई प्रावधानों को शामिल किया गया है, बजट सत्र के दूसरे हिस्से में संसद द्वारा पास कर दिया जाएगा।
बैठक में बीआईएस के कामकाज की समीक्षा के दौरान मंत्री ने ब्यूरो से नए बीआईएस अधिनियम को जल्दी लागू कराए जाने को सुनिश्चित करने के लिए नियम बनाने को कहा, ताकि देश में अच्छी गुणवत्ता वाली वस्तुओं व सेवाओं की प्रवृति को बढ़ावा मिले। इसके बाद उन्होंने यह भी कहा कि बीआईएस ने स्टैंडर्ड फॉर्मुलेशन के लिए लिए 'मेक इन इंडिया' के तहत कई पहल की हैं। इनमें अक्षय ऊर्जा, जैव ईंधन, ऑटो कंपोनेंट, इलेक्ट्रिक मशीनरी और कंस्ट्रक्शन आदि से संबंधित साजोसामान शामिल हैं। इसके अलावा बीआईएस प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन, पानी और अपशिष्ट जल आपूर्ति प्रबंधन के नए मानक बनाकर स्वच्छ भारत अभियान में भी योगदान दे रहा है।
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