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शुक्रवार, 30 दिसंबर 2016
समाजवादी पार्टी - पारिवारिक कलह से बगावत तक का सफर
समाजवादी पार्टी में सत्ता के लिए जारी कलह को लेकर लंबे समय तक शांति और संयम दिखाने वाले सीएम अखिलेश यादव ने अब बगावती तेवर अपना लिए है। कभी बात-बात पर नेताजी की दुहाई देने वाले मुख्यमंत्री ने अखिलेश यादव ने अब पिता मुलायम सिंह यादव के प्रति मोह का त्याग कर दिया है। अखिलेश को इस बात का अंदाजा लग गया था कि विरोधी खेमा यानि चाचा शिवपाल यादव नेताजी को उनके खिलाफ ढाल की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। यहीं नहीं नेताजी खुद भी हर कदम पर बेेटे अखिलेश का साथ देने के बजाए विरोधी खेमे के सुर में सुर मिलाते नज़र आ रहे थे। नेताजी मुलायम सिंह के बदले तेवर से परेशान सीएम अखिलेश के लिए बदले हुए हालात में हर दिन किसी इम्तिहान से कम नहीं था, ऊपर से चुनाव तैयारियों के लिए सीमित समय रह गया था।
नेताजी मुलायम सिंह की ओर से जारी समाजवादी पार्टी उम्मीदवारों की सूची ने पूरी तरह से साफ कर दिया कि समाजवादी पार्टी में अगर सब कुछ ऐसा ही चलता रहा तो अखिलेश यादव के लिए करने को कुछ नहीं रह जाएगा। लिहाजा समय की मांग को देखते हुए सीएम अखिलेश यादव को अपने पिता, पार्टी और उसके तथाकथित नेताओं के खिलाफ बागी तेवर अपनाना पड़ा। सपा मुखिया मुलायम सिंह के उम्मीदवारों की सूची जारी करने के एक दिन बाद ही अखिलेश ने दो सौ से ज्यादा अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। इसके कुछ घंटों के भीतर ही चाचा शिवपाल ने भी उम्मीदवारों की एक लिस्ट जारी कर दी है। अब चुनाव के मैदान में पार्टी में जारी कलह के बाद दंगल, कोहराम और संग्राम होने की उम्मीद ही बाकी रह गई है।

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