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शुक्रवार, 10 फ़रवरी 2017
मुंबई का काला घोड़ा फेस्टिवल
उत्सव के रंग में रंगा कला और संस्कृति का ये अनोखा संगम मुंबई की खास पहचान है। इसे लोग काला घोड़ा फेस्टिवल के नाम से जानते हैं।
आठ दिनों तक चलने वाले इस फेस्टिवल में आपको हर वो रंग देखने को मिलेगा, जिसकी ख्वाहिश एक कलाप्रेमी को होती है। इस फेस्टिवल का
मकसद न सिर्फ मुंबई की संस्कृति और परंपरा को संजोना है, बल्कि इससे दुनिया की नज़रों में लोकप्रिय भी बनाना है। यहां अलग-अलग संस्कृति
के रंग को देखकर शायद भूल जाएंगे कि आप मायानगरी मुंबई में है। इस फेस्टिवल में कला और कलाकार की काबलियत देखकर आप हैरानी में पड़ जाएंगे।
यह जानकर आपको हैरानी होगी इस फेस्टिवट का मकदस सिर्फ कला और संस्कृति की खूबसूरती से दुनिया को रुबरू कराना नहीं है,
हक़ीक़त में इसके जरिए लोगों को पर्यावरण और सामाजिक मुद्दों से दो-चार कराना है। यहां आने के बाद आप तेज़ रफ्तार की जिंदगी
का गम भूल जाएंगे। रंग-बिरंगे कलाकृति जैसे विशिंग ट्री, फ्लाइंग हॉर्स और ह्यूमन ट्री को देखकर आपको ऐसे सुकून का अहसास होगा,
मानों लंबे समय से आपको इसी पल का इंतजार था। गौर करने वाली बात है कि विशिंग ट्री में करीब एक हज़ार एलईडी बल्ब का इस्तेमाल
किया गया है। लेकिन लेकिन बिजली की खपत महज 0.5K व्हाट होती है। कला और मस्ती के इस फेस्टिवल में हर उम्र और वर्ग के
लोगों के लिए कुछ न कुछ खास है।
काला घोड़ा फेस्टिवल में हर स्टॉल की अपनी अलग खासियत और पहचान है। कई स्टॉल तो ऐसे हैं, जिसे देखकर आप बचपन की यादों
में खोने को मजबूर हो जाएंगे। यहीं नहीं यहां कला, संस्कृति और मस्ती के साथ ही विकास की झलक भी देखने को मिलती है।
काला घोड़ा फेस्टिवल में मुंबई मेट्रो के तीसरे फेज के बारे में जानकारी दी गई है। इसके रूट और संचालन के बारे में बताया गया है।
यहीं नहीं अगर आपके पास ऊर्जा संरक्षण को लेकर कोई आइडिया है तो आप इसे भी साझा कर सकते हैं। ओपन एयर ऑटो रिक्शा को
देखकर आपको फिल्मी सीन का अहसास होगा। यहां की गलियों में थियेटर, कलाकार से लेकर डायरेक्टर तक अपने टैलेंट का हुनर आजमाते
हुए दिख जाएंगे। क्योंकि ये फेस्टिवल मुंबई का इकलौता ऐसा मंच है, जहां मौके अनलिमिटेड है वो भी बिलकुल फ्री ऑफ कॉस्ट।
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