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शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2014

महात्‍मा गांधी के जीवन पर फिल्‍म प्रदर्शनी का मुंबई में उद्घाटन

महात्‍मा गांधी की 66वीं पुण्य तिथि पर, 30 जनवरी को जब पूरा देश उन्‍हें श्रद्धांजलि दे रहा था, मुंबई के प्रसिद्ध मणिभवन में लोगों को राष्‍ट्रपिता के जीवन के बारे में कुछ दुर्लभ फिल्‍मों को देखने का अवसर मिला। इस अवसर पर महात्‍मा गांधी प्रदर्शनी के नवस्‍थापित केंद्र का उद्घाटन करते हुए महाराष्‍ट्र के राज्‍यपाल श्री के. शंकरनारायणन ने कहा कि लोगों में महात्‍मा गांधी के विचारों का महत्‍व और उनके सत्‍य, अहिंसा और सत्‍याग्रह के सिद्धांतों के बारे में लगातार उत्‍कंठा बढ़ रही है। इस केंद्र का इस्‍तेमाल महात्‍मा गांधी के जीवन पर बनी छोटी फिल्‍मों और वृतचित्रों के दिखाने को लिए किया जाएगा। जब महात्‍मा गांधी की 66 वर्ष पहले हत्‍या कर दी गई थी, दुनिया भर के नेता और पूरा विश्‍व राष्‍ट्र संयुक्‍त राष्‍ट्र में एक सभा करके उन्‍हें श्रद्धांजलि दे रहा था और उनके बारे में शोक प्रकट कर रहा था। इन घटनाओं के बारे में श्‍वेत-श्‍याम वीडियो तथा महात्‍मा गांधी के जीवन के बारे में कई अन्‍य फिल्‍में अब वे लोग देख सकेंगे जो सवेरे दस से शाम पांच बजे के बीच इस केंद्र के 25 व्‍यक्तियों के बैठने लायक ऑडियो विजुअल रूम में आ सकेंगे। गांधी फिल्‍म प्रतिष्‍ठान के अध्‍यक्ष श्री नितिन पोतदार जिन्‍होंने इस केंद्र की शुरूआत की थी, का कहना है कि यह फिल्‍म प्रदर्शन केंद्र, अपने ढंग अनूठा और पहला केंद्र है। यह महात्‍मा गांधी के बारे में खुद ही वीडियो-ग्राफिक फिल्‍में प्रदर्शित करेगा जिससे लोग भारत की स्‍वतंत्रता, गांधी जी के जीवन के बारे में, नमक सत्‍याग्रह और गांधी जी श्री मोहम्‍मद अली जिन्‍ना के साथ मुलाकात के बारे में महत्‍वपूर्ण सूचनाएं पा सकेंगे। इस प्रतिष्‍ठान ने दुनिया भर से महात्‍मा गांधी के बारे में सैकड़ों लघु वृतचित्र और वीडियो इकट्ठा किये हैं। इनको छह फिल्‍मों के रूप में संकलित कर दिया गया है जिन्‍हें इस केंद्र पर देखा जा सकेगा। इस प्रतिष्‍ठान को विभिन्‍न स्रोतों से वीडियो क्लिीपिंग्‍स मिली हैं। इनमें से कुछ स्रोत हैं न्‍यूज एजेंसियां, सरकारी संस्‍थायें और स्‍वतंत्र संगठन जिन्‍होंने इन्‍हें डिजिटल फॉर्मेट में बदल दिया है। बिडला ग्रुप ने महात्‍मा गांधी की दूसरे गोल मेज सम्‍मेलन में शामिल होने के लिए लंदन यात्रा की फुटेज उपलब्‍ध कराई है। गांधी जी के जीवन के इन वर्षों से संबंधित फुटेज छात्रों, अनुसंधानकर्ताओं और दूरदर्शन बीबीसी आदि जैसे न्‍यूज चैनलों को उपलब्‍ध हैं। ये लोग चाहते थे कि इन फुटेज का इस्‍तेमाल उनके समाचार को सचित्र बनाने में किया जाए। श्री पोतदार का ख्‍याल था कि इन अनुसंधानकर्ताओं को जो भी सामग्री उपलब्‍ध कराई जाए वह आम जनता को भी उपलब्‍ध हो। उन्‍होंने कहा कि ''इसीलिए हमने इस प्रदर्शनी केंद्र को 30 जनवरी को आम जनता के लिए खोल दिया।'' गांधी जी के बारे में जारी फिल्‍मों के अलावा गांधी फिल्‍म प्रतिष्‍ठान द्वारा तैयार की गई फिल्‍में-अभिशाप (ये छुआछूत की बुराई पर आधारित है।), 'बादशाह खानद' इसमें सरहदी गांधी खान अब्दुल गफार खान के जीवन का चित्रण किया गया है, 'अहिंसा का चमत्‍कार' इसमें चम्‍बल घाटी के डाकुओं का आत्‍मसमर्पण दिखाया गया है और 'करेंगे या मरेंगेद' यह फिल्‍म भारत छोड़ो आंदोलन पर आधारित है, भी दर्शकों को उपलब्‍ध कराई गईं हैं। इस प्रदर्शनी केंद्र का आकार भले ही छोटा हो, लेकिन यहां पर जो सुविधाएं जुटाई गईं हैं वह मणिभवन आने वालों के लिए वरदान साबित होंगी। यह केंद्र दक्षिण मुंबई के गामदेवी इलाके में स्थित है। ये वही जगह है जहां महात्‍मा गांधी जब भी मुंबई आते, ठहरते थे। मणिभवन से ही गांधी जी ने असहयोग आंदोलन की शुरूआत की। स्‍वदेशी आंदोलन भी यहीं से शुरू हुआ। 1917 से उन्‍होंने चरखा कातना शुरू किया। तब से लेकर चरखे के संग जब भी वे यहां आये, उनका साथ बना रहा। ग्‍वालिया टैंक (अब इसे अगस्‍त क्रांति मैदान कहा जाता है), यहां से मात्र 100 मीटर दूर है। गांधी जी ने भारत छोड़ो आंदोलन की शुरूआत यहीं से की थी। मणिभवन मुंबई का प्रमुख पर्यटन स्‍थल बन गया है। विदेशी पर्यटक यहां ज्‍यादा आते और घरेलू पर्यटकों के मुकाबले गांधी स्‍मारक भवन अधिक जाते हैं। मणिभवन की यात्रा अमेरिका के राष्‍ट्रपति बराक ओबामा के एजेंडे में 2010 में भारत यात्रा के समय काफी ऊपर थी। उन्‍होंने इसे अवसर पर गांधी जी के बारे में स्‍वागत पुस्तिका में जो कुछ दर्ज किया था उससे दुनिया में गांधी जी की सार्थकता जाहिर हो जाती है। ओबामा ने लिखा था ''यहां आकर मैं उम्‍मीद और प्रेरणा से भर गया हूं। यह मेरा सौभाग्‍य है कि मैं गांधी जी के इन स्‍मारकों को देख रहा हूं। वह सिर्फ भारत के ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के नायक थे।

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