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शुक्रवार, 18 मार्च 2016
पोखरण में वायुसेना ने मारक क्षमता का प्रदर्शन किया
भारतीय वायु सेना माननीय राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी और माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में राजस्थान के पोखरण फायरिंग रेंज में 18 मार्च को लड़ाकू और मारक क्षमता का प्रदर्शन किया। इस दौरान भारतीय वायुसेना दिन और रात दोनों ही समय में अपनी मारक क्षमता को प्रदर्शित करेगी।
चीफ्स ऑफ स्टॉफ कमेटी के अध्यक्ष और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अरूप राहा ने पोखरण में माननीय राष्ट्रपति और माननीय प्रधानमंत्री की अगवानी की। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य देश के राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने के लिए भारतीय वायुसेना की क्षमता का प्रदर्शन करना है। अभ्यास के दौरान भारतीय वायुसेना हवा, जमीन अथवा समुद्र से मिलने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए अपनी परिवर्तनकारी अत्याधुनिक लड़ाकू क्षमता को दिखाएगी।
इस प्रदर्शन में छह थीम पर आधारित छह हिस्से होंगे, जिसमें 180 से अधिक लड़ाकू विमान, परिवहन विमान और हेलीकाप्टर हिस्सा ले रहे हैं।
शो में सबसे पहले एक फ्लाईपास्ट होगा, जो भारतीय वायुसेना की आठ दशकों की यात्रा को दिखाएगा। इसमें टाइगर मोठ जैसे अतीत के विमान भारतीय वायुसेना के नवीनतम विमानों के साथ उड़ान भरेंगे। फ्लाईपास्ट के दौरान मिग-21, मिग-27 और मिग-29 और सुखोई-30 मिश्रित फार्मेशन में उड़ान भरेंगे। यह पिछले दशकों के दौरान भारतीय सेना के परिवर्तन को दर्शाएगा।
इसके बाद, नेट-इनेबलिंग संचालन विमानों का प्रदर्शन होगा। इसकी शुरुआत देश में ही विकसित एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम एयरक्राफ्ट के फ्लाईपास्ट से होगी। इसके बाद सिंक्रनाइज हथियार आपूर्ति को प्रदर्शित किया जाएगा। इसमें मिराज-2000, सुखोई-30, मिग-27 और जगुआर जैसे विमान निर्धारित लक्ष्यों पर बमबारी करेंगे।
आक्रामक क्षमताओं का प्रदर्शन करने के बाद भारतीय वायुसेना अपने बहुस्तरीय हवाई सुरक्षा ऑपरेशंस का प्रदर्शन करेगी। यह हवा में ईंधन भराने वाले विमानों, आईएल-78 एफआरए के साथ दो सुखोई-30 विमानों का फ्लाईपास्ट होगा। ये लड़ाकू विमानों की सामरिक पहुंच का विस्तार करने की क्षमता का प्रदर्शन करेंगे।
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