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बुधवार, 9 मार्च 2016
अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए सरकार ने उठाए ठोस कदम
केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र में परिणाम मूलक प्रयास किए हैं, जिनके नतीजे भी मिलने शुरू हो गए हैं। इस्पात एवं खान मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि वर्तमान सरकार ने अल्प समय में ही इस्पात और खान उद्योग में विकास की गति को तेज कर दिया है। श्री तोमर ने कहा कि बुनियादी ढांचे, गांवों में बिजली पहुंचाने, ग्रामीण क्षेत्र, रेल नेटवर्क और सड़क निर्माण पर ध्यान देने से अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी तथा इस्पात और खान जैसे क्षेत्रों को लाभ होगा। उन्होंने इस्पात उद्योग को समर्थन देने तथा खनन क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए सरकार द्वारा किए जाने वाले प्रयासों का विवरण दिया।
श्री तोमर ने कहा कि खनन क्षेत्र में किए जाने वाले सुधारों के नतीजे मिलने लगे हैं और खनिज उत्पादन सूचकांक में 11.7 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों के दौरान खनिजों के उत्पादन में वृद्धि दर्ज की गई। लौह अयस्क के संबंध में 2015 की अंतिम तिमाही के दौरान 45 प्रतिशत वृद्धि हुई, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में बहुत अधिक है। अप्रैल-दिसंबर, 2015 के दौरान बॉक्साइट में 32.7 प्रतिशत, क्रोमाइट में 13.4 प्रतिशत, तांबा सांद्र में 30.4 प्रतिशत, सीसा सांद्र में 40.8 प्रतिशत और जस्ता सांद्र में 11.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
मंत्री महोदय ने बताया कि प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना से खनन क्षेत्र के लोगों और खास तौर से जनजातीय लोगों के कल्याण तथा क्षेत्र के विकास में बहुत सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार की अन्वेषण संबंधी पहलें अभूतपूर्व हैं।
मंत्री महोदय ने पत्रकारों को बताया कि वर्तमान सरकार के आने के बाद देश की इस्पात उत्पादन क्षमता 16 मिलियन टन बढ़ी है तथा इसे और बढ़ाने की योजना है। इस्पात उत्पादन में पहले विश्व में भारत का चौथा स्थान था। अब भारत तीसरे स्थान पर है।
इस्पात उद्योग पर आम बजट और रेल बजट के प्रभाव की चर्चा करते हुए श्री तोमर ने कहा कि विभिन्न निर्णयों से इस्पात उद्योग को बहुत लाभ होगा क्योंकि मांग बढ़ने पर उत्पादन भी बढ़ेगा। इनका ब्यौरा इस प्रकार है-
• आम बजट और रेल बजट में संरचना विकास के लिए संयुक्त रूप से 2,21,246 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है, जिससे आने वाले वर्षों में इस्पात की मांग बढ़ेगी और विकास की गति तेज होगी। इसके अलावा सभी गांवों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य 1 मई, 2018 रखा गया है। इसके तहत खंभों, इस्पात, तार इत्यादि जैसे उत्पादों की मांग बढ़ेगी।
• उत्तर-दक्षिण, पूर्व-पश्चिम और पूर्वी तट के लिए डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण से इस्पात की मांग बढ़ेगी। रेलवे ने अगले वर्ष तक 2800 किमी. नई रेल लाइन बिछाने का लक्ष्य रखा है। इससे भी इस्पात की मांग बढ़ेगी।
• रेल बजट में बंदरगाह संपर्कता पर बहुत जोर दिया गया है। नेटवर्क बढ़ाने, आमान बढ़ाने, इंजनों की उत्पादन और गोदाम विकास आदि जैसे नए निवेश प्रस्तावों से भारतीय इस्पात उद्योग को फायदा पहुंचेगा।
• खासतौर से गरीब और जरूरतमंद लोगों को रसोई गैस प्रदान करने की नए नीति से एलपीजी ग्रेड एचआर क्वाइल की मांग बढ़ेगी। इस कदम से इस्पात उद्योग को सीधा फायदा पहुंचेगा।
• सिंचाई, रूरबन समूह संरचना के विकास सहित ग्रामीण क्षेत्र में भारी निवेश की योजना है। इससे भी इस्पात की मांग बढ़ेगी।
• रेल बजट में माल भाड़े में वृद्धि की घोषणा नहीं की गई है। इस कदम से मौजूदा मामूली महंगाई परिस्थितियों में भी मालभाड़े में कोई वृद्धि न होने के कारण इस्पात उद्योग को फायदा होगा।
मंत्री महोदय ने आम बजट में भारत के खनन क्षेत्र को दिए जाने वाले समर्थन का स्वागत किया। एल्युमिनियम और जस्ते में आयात शुल्क में बढ़ोतरी से घरेलू उद्योगों को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि लो ग्रेड लौह अयस्क, बॉक्साइट और क्रोमियम में निर्यात शुल्क की कटौती से बेशी खनिज के निर्यात को प्रोत्साहन मिलेगा।
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