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सोमवार, 23 मार्च 2015
राष्ट्रीय सेवा योजना एक अनोखी शुरुआत
राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) एक केंद्र प्रायोजित योजना है। इस योजना की शुरूआत 1969 में की गई थी और इसका प्राथमिक उद्देश्य स्वैच्छिक सामुदायिक सेवा के जरिये युवा छात्रों का व्यक्तित्व एवं चरित्र निर्माण था। एनएसएस की वैचारिक अनुस्थापना महात्मा गांधी के आदर्शों से प्रेरित है और इसका आदर्श वाक्य ''मैं नहीं, लेकिन आप'' हैं।
एनएसएस को उच्चतर माध्यमिक स्कूलों, कॉलेजों एवं विश्वविद्यायल में कार्यान्वित किया जा रहा है। एनएसएस की परिकल्पना में इस बात पर ध्यान दिया गया है कि इस योजना के दायरे में आने वाले प्रत्येक शैक्षिक संस्थान में एनएसएस की कम से कम एक इकाई हो और उसमें सामान्यत: 100 छात्र स्वयंसेवक हों। इस इकाई की अगुवाई एक शिक्षक करता है जिसे कार्यक्रम अधिकारी का दर्जा दिया जाता है। प्रत्येक एनएसएस की इकाई एक गांव अथवा मलिन बस्ती (स्लम) को गोद लेती है। एक एनएसएस कार्यकर्ता को निम्न कार्य अथवा गतिविधियों को पूरा करना होता है।
·नियमित एनएसएस गतिविधि – प्रत्येक एनएसएस स्वयंसेवक को सामुदायिक सेवा के लिए दो वर्षों की अवधि में प्रतिवर्ष न्यूनतम 120 घंटे और दो वर्षों में 240 घंटे काम करना होता है। इस कार्य को अध्ययन की अवधि समाप्त होने अथवा सप्ताहांत के दौरान किया जाना है और एनएसएस की स्कूल/कॉलेज इकाई जिन गांवों अथवा स्लम को गोद लेती है वहां जाकर यह छात्र अपनी गतिविधियों को पूरा करते हैं।
·विशेष शिविर कार्यक्रम- प्रत्येक एनएसएस इकाई जिन गांवों और शहरी स्लम बस्तियों को गोद लेती है वहां के स्थानीय समुदायों को शामिल करके कुछ विशेष परियोजनाओं के लिए सात दिन का विशेष शिविर आयोजित करती है। यह शिविर छात्रों की अवकाश अवधि के दौरान भी आयोजित किया जाता है। प्रत्येक छात्र स्वयंसेवक को दो वर्ष की अवधि में कम से कम एक बार इस तरह के विशेष शिविर में हिस्सा लेना जरूरी है।
एनएसएस के तहत गतिविधियों का ब्यौरा- संक्षेप में एनएसएस कार्यकर्ता सामाजिक प्रासंगिकता से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर कार्य करते हैं। जिसके जरिये समुदाय की आवश्यकताओं की प्रतिक्रिया हासिल की जाती है। यह गतिविधियां नियमित एवं विशेष शिविर गतिविधियों के रूप में होती हैं। ऐसे विषयों में (1) साक्षरता एवं शिक्षा (2) स्वास्थ्य, परिवार कल्याण एवं पोषण (3) पर्यावरण संरक्षण (4) सामाजिक सेवा कार्यक्रम (5) महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम (6) आर्थिक विकासात्मक गतिविधियों से जुडे कार्यक्रम (7) प्राकृतिक आपदाओं के दौरान राहत एवं बचाव कार्यक्रम आदि, शामिल हैं।
प्रशासनिक ढांचा- एनएसएस को केंद्र एवं राज्यों द्वारा संयुक्त रूप से कार्यान्वित किया जा रहा है। केंद्रीय स्तर पर एनएसएस का कार्यान्वयन, एनएसएस संगठन के जरिये किया जाता है जो युवा मामलों के विभाग से सम्बद्ध कार्यालय है। राष्ट्रीय स्तर पर एनएसएस का एक कार्यक्रम सलाहकार प्रकोष्ठ और क्षेत्रीय स्तर पर 15 क्षेत्रीय कार्यालय हैं। राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में राज्य सरकार के विभागों में से एक विभाग को एनएसएस की गतिविधियों का संचालन करने का जिम्मा सौंपा जाता है। इस विभाग के पास एक राज्य एनएसस प्रकोष्ठ और एनएसएस के लिए एक राज्य जन संपर्क अधिकारी होता है। एनएसएस की विभिन्न गतिविधियों के लिए केंद्र सरकार, राज्यों को धनराशि जारी करती है जहां से इसे अन्य कार्यान्वयन एजेंसियों को आवंटित किया जाता है। राज्य स्तर से नीचे एनएसएस का प्रशासनिक ढांचा इस प्रकार है।
·विश्वविद्यालय/+2 परिषद स्तर पर- प्रत्येक विश्वविद्यालय में एक एनएसएस प्रकोष्ठ और एक मनोनीत कार्यक्रम समन्वयक की व्यवस्था है जो विश्वविद्यालय एवं उससे सम्बद्ध कॉलेजों में एनएसएस की सभी इकाईयों में उससे जुडी गतिविधियों के समन्वय का कार्य करती हैं। इसी प्रकार वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में एनएसएस प्रकोष्ठ, वरिष्ठ माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में होता है।
·एनएसएस इकाई स्तर पर: प्रत्येक शिक्षण संस्थान में प्रत्येक एनएसएस प्रकोष्ठ का नेतृत्व एक शिक्षक करता है जिसे कार्यक्रम अधिकारी (पीओ) का दर्जा दिया जाता है। इसके अलावा राष्ट्रीय, राज्य, विश्वविद्यालय और शिक्षण संस्थानों के स्तर पर एनएसएस सलाहकार समितियां होती हैं जिनमे अधिकारी एवं गैर अधिकारी सदस्य होते हैं और यह एनएसएस संबंधी गतिविधियों को आवश्यक निर्देश प्रदान करते हैं। इनके अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारियों को प्रशिक्षण देने के लिए विभिन्न कॉलेजों/ विश्वविद्यालयों में 19 पैनल प्रशिक्षण संस्थान ईटीआई भी हैं।
वित्तीय व्यवस्था- यह स्थिति इस प्रकार है
·एनएसएस के तहत प्रमुख गतिविधियों की वित्तीय व्यवस्था- एनएसएस की गतिविधियों के लिए प्रत्येक स्वयंसेवक को ढाई सौ रूपये प्रतिवर्ष (नियमित गतिविधियों के लिए) और साढे चार सौ रूपये (दो वर्ष में एक बार) विशेष शिविर गतिविधियों के लिए प्रदान किए जाते हैं। इस प्रकार एनएसएस कार्यक्रम की कुल लागत 475 रूपये प्रति कार्यकर्ता प्रति वर्ष है (क्योंकि किसी विशेष वर्ष में विशेष शिविर अभियान में केवल 50 प्रतिशत कार्यकर्ताओं को ही शामिल किया जाता है)। इन गतिविधियों पर आने वाले खर्च को राज्य एवं संघशासित सरकारें एक निर्धारित अनुपात में वहन करती हैं।
·एनएसएस के तहत अन्य गतिविधियों/खर्चों के लिए धनराशि- उपरोक्त के अलावा एनएसएस के तहत अन्य घटकों पर राशि व्यय की जाती है जो पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा वहन की जाती है। इसके तहत आने वाला खर्च इस प्रकार है।(1) एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारियों का ईटीआई के जरिये प्रशिक्षण (2) राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम जैसे स्वतंत्रता दिवस परेड कैंप, मेगा कैंप, जोखिम कैंप, आईजीएनएसएस अवार्ड (3) एनएसएस के एसएलओ के लिए प्रतिस्थापन व्यय (4) एनएसएस कार्यक्रम सलाहकार प्रकोष्ठ और एनएसएस के क्षेत्रीय केंद्रों के लिए प्रतिस्थापन व्यय।
·एनएसएस की शुरूआत 1969 में 37 विश्वविद्यालयों में 40,000 कार्यकर्ताओं को लेकर की गई थी। आज 336 विश्वविद्यालयों, 15,908 कॉलेजों/तकनीकी संस्थानों और 11,809 वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में एनएसएस के लगभग 33 लाख कार्यकर्ता हैं। विश्व के इस सबसे बड़े छात्र स्वयंसेवक कार्यक्रम से अभी तक 4.25 करोड़ छात्र लाभान्वित हुए हैं। इसके अतिरिक्त एनएसएस ने सामूहिक साक्षरता, पर्यावरण संरक्षण, स्वास्थ्य शिक्षा और सामुदायिक शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान किया है। प्राकृतिक आपदाओं के समय एनएसएस कार्यकर्ताओं ने राहत एवं पुनर्वास कार्यक्रम में हमेशा अग्रणी भूमिका निभाई है।
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Bahot achha laga padh kar orr achhi jankari mila thank you Sir
जवाब देंहटाएंThank you so much
जवाब देंहटाएंSir mera naam Jeet Raw hai,mai V NSS ka ek student hu
जवाब देंहटाएंMaine apka pura post padha bahot achha laga bohot sari jankari mili.
Sir nss ki history btaiye iske surya at kha se hui
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