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गुरुवार, 26 मार्च 2015

मेगा फूड पार्क से कितना फायदा होगा?

देश में विदेशों की तरह मेगा फूड पार्क बनाने के काम को जल्दी ही अमलीजामा पहना दिया जाएगा। सरकार ने भारत के दूर-दराज के इलाकों में जल्द खराब होने वाले खाद्य पदार्थों की बर्बादी को रोकने के लिए सभी राज्यों में मेगा फूड पार्क बनाने का फैसला किया है। लेकिन अहम सवाल यह है कि इससे आम भारतीय को कितना फायदा पहुंचेगा। क्या छोटे व्यापारियों और किसानों को इससे वाकई फायदा है। जानकारों का कहना है कि इससे जल्‍द खराब हो जाने वाले खाद्य पदार्थों की बर्बादी में कमी आएगी। इस पर गौर फरमाते हुए इस दिशा में और मूल्‍यवर्द्धन किया गया है। खाद्य प्रसंस्‍करण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्रालय वर्ष 2008 से ही देश भर में मेगा फूड पार्क योजना क्रियान्वित कर रहा है। सरकार की ओर से मेगा फूड पार्क की स्‍थापना के लिए 50 करोड़ रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जाती है। इसके तहत खेत से लेकर बाजार तक की मूल्‍य श्रृंखला में खाद्य प्रसंस्‍करण हेतु आधुनिक बुनियादी ढांचागत सुविधाओं की स्‍थापना के लिये वित्तीय सहायता दी जाती है। न्‍यूनतम 50 एकड़ क्षेत्र में स्‍थापित किये जाने वाला मेगा फूड पार्क क्लस्‍टर आधारित अवधारणा के तहत काम करता है। यह 'हब एंड स्‍पोक' मॉडल पर आधारित होता है, जिसके तहत केन्‍द्रीकृत एवं एकीकृत लॉजिस्टिक प्रणाली का नेटवर्क स्‍थापित किया जाता है। प्राथमिक प्रसंस्‍करण केन्‍द्रों (पीपीसी) के रूप में खेतों के निकट प्राथमिक प्रसंस्‍करण एवं भंडारण कार्यों के लिए बुनियादी ढांचागत सुविधाएं स्‍थापित की जाती हैं। केन्‍द्रीय प्रसंस्‍करण केन्‍द्र में अनेक साझा सुविधाओं के साथ-साथ उपयुक्‍त बुनियादी ढांचागत सुविधाएं भी होती हैं, जिनमें आधुनिक भंडारण, शीत भंडारण, आईक्‍यूएफ, पैकेजिंग, बिजली, सड़क, जल इत्‍यादि शामिल हैं। इससे सम्‍बंधित इकाइयों की लागत काफी हद तक घटाने में मदद मिलती है जिससे वे और ज्‍यादा लाभप्रद हो जाती हैं। अत्‍याधुनिक तकनीक का इस्‍तेमाल करना, बेहतर प्रसंस्‍करण नियंत्रण के जरिये प्रसंस्‍कृत खाद्य उत्‍पादों की उच्‍च गुणवत्ता सुनिश्चित होना और पर्यावरण एवं सुरक्षा मानकों का पालन किया जाना मेगा फूड पार्कों के अन्‍य अहम फायदे हैं। देश भर में स्‍थापित करने के लिए सरकार द्वारा अब तक 42 मेगा फूड पार्कों को मंजूरी दी गई है। मौजूदा समय में 25 परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। मंत्रालय को 72 प्रस्‍ताव मिले हैं और इन पर पारदर्शी ढंग से गौर करने के बाद देश के 11 राज्‍यों के 17 समुचित प्रस्‍तावों का चयन किया गया है तथा उन पर अमल के लिए मंजूरी भी दे दी गई है। सरकार के इस कदम से खाद्य प्रसंस्‍करण क्षेत्र के लिए विशाल अत्‍याधुनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण होगा और इस क्षेत्र के विकास को नई गति मिलेगी। इन 17 नव चयनित मेगा फूड पार्कों से अत्‍याधुनिक बुनियादी ढांचे में तकरीबन 2000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित होने का अनुमान है। इसी तरह पार्कों में स्थित 500 खाद्य प्रसंस्‍करण इकाइयों में तकरीबन 4000 करोड़ रुपये का अतिरिक्‍त सामूहिक निवेश आकर्षित होने का अनुमान है। इनका सालाना कारोबार 8000 करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है। इन पार्कों के पूरी तरह से कार्यरत हो जाने पर तकरीबन 80000 लोगों के लिए रोजगार सृजित होंगे और इनसे लगभग 5 लाख किसान प्रत्‍यक्ष एवं परोक्ष रूप से लाभान्वित होंगे। इन मेगा फूड पार्कों के समय पर पूरा हो जाने से संबंधित राज्‍यों में खाद्य प्रसंस्‍करण क्षेत्र के विकास को काफी बढ़ावा मिलेगा, किसानों को बेहतर मूल्‍य मिलने में मदद मिलेगी, जल्‍द खराब होने वाले खाद्य पदार्थों की बर्बादी घटेगी, कृषि उपज का मूल्‍यवर्द्धन होगा और खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्‍या में रोजगार अवसर सृजित होंगे। इतना ही नहीं, ये मेगा फूड पार्क खाद्य उत्‍पादों की कीमतों को स्थिर रखने के साथ-साथ देश में महंगाई को नियंत्रण में रखने में भी मददगार साबित होंगे।

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