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शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2014
भारतीय फिल्म उद्योग के इतिहास पुरूष अक्किनेनी नागेश्वर राव
तेलुगु फिल्म उद्योग के दिग्गज डॉ. अक्किनेनी नागेश्वर राव ने अभिनेता के रूप में अपने 75 वर्ष के करियर में सामाजिक, रूमानी और धार्मिक श्रेणी की 256 फिल्मों में काम करके इतिहास रचा। प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता डॉ. अक्किनेनी नागेश्वर राव ने दुनियाभर में अपने चाहने वाले करोड़ों लोगों का दिल जीता। भारतीय युवाओं तथा भारत और विदेशों के नए उभरते कलाकारों के लिए वह एक आदर्श हैं। साफ-सुथरे चरित्र, अनुशासन, कठिन परिश्रम तथा मानवीय और नैतिक मूल्यों के प्रति कटिबद्धता के कारण वह भारतीय समाज में प्रतिष्ठित व्यक्ति बने। बातासारी, देवदास और तेनाली रामकृष्ण जैसी सफल फिल्मों में अपनी यादगार भूमिकाओं से उन्होंने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। डॉ. अक्किनेनी नागेश्वर राव श्वेत-श्याम फिल्मों के युग के थे। वे अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति और सकारात्मक सोच के लिए जाने जाते थे। 91 वर्षीय डॉ. राव का कैंसर के कारण 22 जनवरी, 2014 को हैदराबाद में निधन हो गया। वह सदाबहार हीरो एएनआर के नाम से प्रसिद्ध थे। उनकी तीन पुत्रियों और दो पुत्रों में से एक फिल्म अभिनेता नागार्जुन हैं और कई नाती हैं। उनके पौत्र नाग चैतन्य भी सिनेमा कलाकार हैं।
आंध्र प्रदेश में कृष्णा जिले के राघवपुरम में 20 सितम्बर, 1923 को एक गरीब परिवार में जन्मे डॉ. अक्किनेनी नागेश्वर राव पांच भाईयों में सबसे छोटे थे। उनके माता-पिता अक्किनेनी पुन्नम्मा और अक्किनेनी वेंकटरत्नम किसान समुदाय से थे। घर की कमजोर आर्थिक हालत के कारण उनकी औपचारिक शिक्षा केवल प्राइमरी तक हुई।
फिल्म जगत में प्रवेश
1941 में 17 वर्ष की आयु में उन्होंने तेलूगू फिल्म धर्मपत्नी में काम किया, जिसमें उन्होंने नायक के मित्र की भूमिका निभाई। उन्हें प्यार से एएनआर बुलाया जाता था। उस समय के प्रसिद्ध फिल्म निर्माता घंटाशाला बालारमैया से विजयवाड़ा रेलवे स्टेशन पर उनकी अचानक मुलाकात हुई और उन्होंने उन्हें तुरंत अपनी आने वाली फिल्म सीता राम जनानाम में भगवान राम के मुख्य किरदार की भूमिका की पेशकश की। मुख्यरूप से उन्होंने थियेटर में काम किया और कई बार महिलाओं की भी भूमिका की, क्योंकि उन दिनों महिलाओं को थियेटर जाने की अनुमति नहीं थी। तब से लेकर उन्होंने 256 से भी अधिक तेलुगु, तमिल और हिन्दी की फिल्मों में काम किया और तेलुगु सिनेमा की जानी-मानी हस्ती बन गये। उनकी ज्यादातर फिल्में व्यावसायिक और आलोचकों के पैमाने पर खरी उतरी है।
प्रमुख फिल्मों में अद्भुत प्रदर्शन
एएनआर ने मोहक राजकुमार से लेकर हताश शराबी प्रेमी, वीर सैनिक, पवित्र संत कॉलेज के छात्र एवं शांत सरकारी अधिकारी की भूमिका निभाई। उन्होंने धार्मिक भूमिकाएं भी बेहतर ढंग से निभाई। उन्होंने ‘माया बाजार’ फिल्म में अभिमन्यु, ‘चेंचु लक्ष्मी’ में भगवान विष्णु, ‘भू कैलाश’ में नारद तथा ‘श्री कृष्णार्जुन युद्धम’ में अर्जुन की भूमिका निभाई। ‘बालाराजू’, ‘रोजूलू मराई’ और ‘नम्मिनाबन्तु’ जैसी ग्रामीण परिप्रेक्ष्य की फिल्मों से उन्हें तेलुगु सिनेमा के पहले सुपरस्टार का ओहदा प्राप्त हुआ। ‘मिसाम्मा’, ‘चक्रपाणि’ और ‘प्रेमिंची चुडु’ जैसी हास्यप्रद फिल्मों में भी आकर्षक भूमिका अदा की। ‘लैला मजनूँ’, ‘अनारकली’, ‘बतसरी’, ‘प्रेमनगर’, ‘प्रेमाभिषेकम’, और ‘मेघासंदेशम’ जैसी रूमानी फिल्मों में उनके यादगार अभिनय के कारण एएनआर को प्यार से तेलुगु सिनेमा का ‘ट्रेजेडी किंग’ कहा जाता था।
दासारी नारायण राव द्वारा निर्देशित फिल्म ‘प्रेमाभिषेकम’ टॉलीवुड की सबसे बड़ी हिट फिल्मों में से एक है। हैदराबाद शहर में यह फिल्म 533 दिनों तक दिखाई गई जो अब तक की शहर में सबसे लंबे समय तक प्रदर्शित तेलुगु फिल्म है। ‘प्रेमाभिषेकम’ ही केवल ऐसी तेलुगु फिल्म है जिसका प्रदर्शन लगातार एक वर्ष से अधिक समय तक किया गया। तेलुगु फिल्म में उन्होंने पहली बार दोहरी भूमिका निभाई तथा ‘नवरात्रि’ फिल्म में नौ भूमिकाएं अदा की। एएनआर ने विख्यात लेखक ‘शरतचंद्र’ की कहानी पर आधारित ‘देवदासू’ में शराबी प्रेमी का अभिनय किया जिस पर बाद में कई भाषाओं में फिल्में बनी। हिन्दी फिल्म के प्रसिद्ध नायक दिलीप कुमार ने कहा कि ‘‘केवल एक ही देवदास है और वह है नागेश्वरा रॉव’’। एएनआर की ‘समसरम’, ‘ब्रतुकू तेरूवु’, ‘अराधना’, ‘डोंगा रामूदू’, ‘डॉ. चक्रवर्ती’, ‘अर्द्धांगी’, ‘मंगलया बालम’, ‘इल्लारीकम’, ‘शांतिनवासम’, ‘वेलुगु निदालु’, ‘दसारा बुलोदु’, ‘भार्या भरतलू’, ‘धर्मादता’, ‘बतसरी’ और ‘कॉलेज बुल्लोदु’ जैसी अधिकतर सामाजिक फिल्में व्यावसायिक तौर पर सफल रही है। एएनआर की पहली फिल्म के 50 वर्ष के बाद 1991 में ‘सितारामय्यागारी मनावरालु’ प्रदर्शित की गई और फिल्म उद्योग में नए एवं युवा कलाकारों की मौजूदगी के बावजूद यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बड़ी सफल रही। भारत के विभिन्न क्षेत्रों के साहित्यिक और सांस्कृतिक भूमिकाओं के कारण आलोचकों और कला प्रेमियों द्वारा एएनआर की सराहना की गई। महान संस्कृत कवि उज्जैन के महाकवि ‘कालिदास’, ओडिशा के महान संगीतकार संत ‘भक्त जयदेव’ कर्नाटक के शिल्पकार ‘अमराशिल्पी जक्कन्ना’, तमिलनाडु के भक्त संत ‘विपरनारायण’ और महाराष्ट्र के गायक भक्त ‘तुकाराम’ जैसी उनकी फिल्में देश की अखंडता बनाए रखने का जरिया बनी।
समाज में बेहतर योगदान
तेलुगु फिल्म अभिनेता एवं निर्माता के अलावा अक्किनेनी नागेश्वर राव की हैदराबाद में तेलुगु फिल्म निर्माताओं को प्रभावित कर तेलुगु फिल्मों का आधार बनाने में अहम भूमिका है। शुरूआती दिनों में तेलुगु फिल्में तमिलनाडु के मद्रास(अब चेन्नई) बनाई जाती थी। 1 नवम्बर, 1956 में आंध्र प्रदेश के रूप में नए राज्य के गठन के बाद से कई नेताओं का मानना था कि तेलुगु फिल्म उद्योग को एक अलग पहचान दी जानी चाहिए और इसका मुख्यालय आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद होना चाहिए। एएनआर उस समय के पहले अभिनेता थे जिन्होंने तेलुगु फिल्म केन्द्र को चेन्नई से हैदराबाद ले जाने पर जोर दिया। एएनआर ने हैदराबाद में 22 एकड़ जमीन पर अपना एक प्रोडक्शन स्टूडियो/हाऊस अपनी पत्नी के नाम पर ‘अन्नापूर्णा स्टूडियो’ का निर्माण किया।
1957 में उन्होंने आंध्र विश्वविद्यालय के लिए बड़ी राशि दान में दी। आंध्र प्रदेश में गुदिवाड़ा के एक महाविद्यालय के वे प्रमुख दानदाता एवं अध्यक्ष थे। फिल्म अभिनेता के अलावा एएनआर एक सफल लेखक भी थे।
भारत के सांस्कृतिक राजदूत
भारत के सांस्कृतिक राजदूत के रूप में अमरीका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, डेनमार्क, मलेशिया और जापान का दौरा किया था। वे भारतीय राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम के निदेशकों के बोर्ड में भी शामिल थे।
राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय सम्मान
भारतीय फिल्म उद्योग में उनके योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने पीएनआर को पदम श्री, पदम भूषण, पदम विभूषण और दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया। डॉ. नागेश्वर राव को ‘मेघसंदेशम’ और ‘बंगारू कुटुंबम’ में भूमिका के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का नंदी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। मध्य प्रदेश सरकार ने भी नागेश्वरा राव को प्रतिष्ठित कालिदास पुरस्कार से सम्मानित किया। अमरीका की तेलुगु एसोसिएशन ऑफ नार्थ अमेरिका(ताना) ने 1912 में उन्हें लाइफटाइम अचीवमेंट से सम्मानित किया। 22 जनवरी, 2014 को इस महान अभिनेता की मृत्यु हो गई। वह 91 वर्ष के थे तथा वे आंतों के कैंसर से पीड़ित थे।
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