फ़ॉलोअर
गुरुवार, 10 मार्च 2016
चैतन्य प्रेम रथ का भक्तों ने किया स्वागत
श्री चैतन्य महाप्रभु के वृंदावन आने के 500 साल पूरे होने पर आयोजित समारोह के तहत चले चैतन्य प्रेम रथ का संस्कृति मंत्रालय के सचिव श्री एन.के. सिन्हा ने अगवानी की। भक्तों के एक दल के द्वारा हरे कृष्णा के उदघोष के साथ पहुंचे इस रथ का सचिव श्री सिन्हा की ओर से स्वागत किया गया। इसके बाद आज नई दिल्ली के जनपथ पर स्थित आईजीएनसीए के ऑडोटोरियम में श्री विल्व मंगल द्वारा लिखित नृत्य नाटिका दामोदर लीला का भी मंचन किया गया। चैतन्य प्रेम रथ और यह प्रदर्शनी दिल्ली में आम लोगों के लिए 9 मार्च और 10 मार्च को दोपहर 2.30 बजे के लिए खुली रहेगी। इसके बाद यह रथ वृंदावन रवाना हो जाएगा।
श्री चैतन्य महाप्रभु के वृंदावन आगमन के 500 साल पूरे होने पर आयोजित समारोह को मनाने के लिए वृंदावन रिसर्च इंस्टीट्यूट कई कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। ये कार्यक्रम संस्कृति मंत्रालय की वित्तीय सहायता से आयोजित हो रहे हैं। यह समारोह 25 नवंबर, 2015 को कार्तिक पूर्णिमा के दिन शुरू हुआ था। इसी दिन चैतन्य प्रभु वृंदावन आए थे। एक साल तक चलने वाले इस कार्यक्रम के तहत श्री चैतन्य महाप्रभु के जीवन और शिक्षाओं पर आयोजित कार्यक्रम का चल प्रदर्शनी के जरिये आयोजन शामिल था।
इस चल प्रदर्शनी को श्री चैतन्य प्रेम रथ का नाम दिया गया। मथुरा के जिलाधिकारी ने 8 फरवरी, 2016 को इस रथ को रवाना किया था। इसके तहत यह कई जगहों से गुजरा। यह उन जगहों से गुजरा जहां से होकर चैतन्य महाप्रभु वृंदावन पहुंचे थे। इस दौरान इस रथ ने 20 जगहों को कवर किया और आज यह दिल्ली पहुंचा है।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Seeing our scholar defending his PhD thesis during ODC was a great moment. This was the result of his hard work. Dr. Sanjay Singh, a senior...
-
छपाई एक कलाकृति है। यह प्रारंभिक चित्र के समान प्रकार में लगभग विविधता की अनुमति देती है। भारत में छपाई का इतिहास 1556 से शुरू होता है। इस य...
-
दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में महिलाओं की सामाजिक , आर्थिक और सांस्कृतिक आजादी को सुनिश्चित करने की दिशा में पुरजोर तरीके से ठोस ...
-
राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) एक केंद्र प्रायोजित योजना है। इस योजना की शुरूआत 1969 में की गई थी और इसका प्राथमिक उद्देश्य स्वैच्छिक सामु...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें