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शनिवार, 5 मार्च 2016
बीजेपी MLA ज्ञानदेव के नाम एक अज्ञानी की चिट्ठी
मैं एक अज्ञानी हूं, ये मानकर अलवर जिले के रामगढ़ सीट से बीजेपी एमएलए से उनके जेएनयू के बारे में ज्ञान से संबंधित कुछ सवाल पूछना चाहता हूं। सवाल उनकी ओर से जेएनयू के बारे में नीचे दिए गए कुछ आंकड़ों से संबंधित है, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि रोजाना एनयू कैंपस में 10 हजार सिगरेट के टुकड़े, 4 हज़ार बीड़ी के टुकड़े, 3 हजार बीयर की बोतलें, 200 शराब की बोतलें, 50 हज़ार बोटियों के छोटे-मोटे टुकड़े, चिप्स और नमकीन के 2 हजा़र रैपर, 3 हजार इस्तेमाल किए कंडोम और 5 सौ एबॉर्शन इंजेक्शन मिलते हैं। विधायक महोदय के झूठे आरोपों का सिलसिला यहीं खत्म नहीं हुआ। उन्होंने जेएनयू के छात्रों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों में नेकेड डांस करने का भी आरोप लगा दिया।
दुनिया के सामने तथ्यहीन दावों की दुहाई देने वाले बीजेपी एमएलए ने शुरुआत में तो बकायदा यहां तक दावा कर दिया कि वह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने दावे से जुड़े तमाम सबूतों को पेश करेंगे और इस मामले में और बड़ा खुलासा करेंगे। लेकिन बाद में एक अखबार से बातचीत में उन्होंने खुद ही मान लिया किया ये आंकड़े उन्हें वाट्सएप के जरिए मिले थे। क्या एक जिम्मेदार पद पर बैठा हुआ आदमी कही से कुछ भी गलत जानकारी के आधार पर ऐसे बयान दे सकता है। बिना यह सोचे की जानकारी सही भी है या नहीं। विधायक महोदय आप चुनाव में जीत कर आए हैं। आपको लोग जानते भी होंगे। लेकिन खुद को अज्ञानी मानने वाला ये शख्स इस पत्र के माध्यम से आपको एक नेक सलाह ज़रुर देना चाहेगा। आखिर क्यों बिना सिर पैर की बात कर अपनी किरकिरी कराने पर तुले हुए है। पहले झूठे दावे करना और फिर खुद अपने बयान से उस सारे दावों की पोल खोल देना। आपके लिए यह सस्ता प्रचार पाने का जरिया हो सकता है। लेकिन हजारों छात्रों और प्रतिष्ठित संस्थान की गरिमा से खिलवाड़ करना छोड़ दीजिए। मैं इस चिट्ठी के जरिए बीजेपी विधायक ज्ञानदेव आहूजा से चंद सवाल पूछना चाहता हूं कि आधारहीन आंकड़े की बदौलत देश के एक नामी विश्वविद्यालय की मिट्टीपलीत करने पर क्यों तुले हुए हैं। आखिर अपने आधारहीन और गलत आंकड़ों के जरिए आप क्या साबित करना चाहते हैं। क्या जेएनयू में पढाई के नाम पर कुछ और होता है? क्या जेएनयू के छात्र पढ़ाई के नाम पर मौज मस्ती करते हैं। अगर ऐसी बात नहीं है तो इस अज्ञानी की चिट्ठी के माध्यम से देश आपसे यह जानना चाहता है कि जेएनयू में रोजाना 3 हजार कंडोम मिलने की गुप्त जानकारी आखिर आप तक ही क्यों पहुंची। क्या इसके पीछे भी कोई सोची समझी साजिश है या फिर आपकी नासमझी भरी हरकत। आपने जिस तरीके से जेएनयू में बड़े पैमाने पर रोजाना कंडोम और एबॉर्शन के इंजेक्शन मिलने का दावा किया, जरा सोचिए उससे देश और दुनिया में क्या संदेश गया होगा। लोगों के मन में एक पल के लिए ही सही जेएनयू के बारे में क्या धारणा बनी होगी। आखिर हर मां-बाप अपनी औलाद को कितने अरमानों के साथ पढने के लिए देश के इस नामी संस्थान में भेजते हैं। देश के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी बेटी बचाओं -बेटी पढ़ाओं का नारा देते हैं। लोगों से बेटी को उच्च शिक्षा दिलाने की अपील करते हैं। लेकिन बीजेपी के विधायक ज्ञानदेव आहूजा जी ने जेएनयू कैंपस में पढ़ने वाली देश की हजारों बेटियों का भी ध्यान नहीं रखा। आखिर उनके 3 हजार इस्तेमाल किए कंडोम और एबॉर्शन वाले इंजेक्शन मिलने की बात का इस विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं के दिमाग पर क्या असर पड़ा होगा। यहां पढाने वाली शिक्षिकाओं को ऐसे झूठे आंकड़ों से कितनी ठेस पहुंची होगी। यहां पढ़ने वाले लड़के और लड़कियों के माता-पिता और रिश्तेदारों के ऊपर ऐसे तथ्यहीन बयान का कितना गहरा असर हुआ होगा। एमएलए साहब आपने बयानों के जरिए ये साबित करने की कोशिश करने की कोशिश की, कि जेएनयू शराबियों और नशेड़ियों का अड्डा है। लेकिन क्या कभी यह जानने की कोशिश की है कि जेएनयू में पढ़े हुए बच्चे देश के नामी गिरामी संस्थानों और विश्वविद्यालयों में महत्वपूर्ण पदों पर काम कर रहे हैं और देश एवं समाज के विकास में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं। जेएनयू का रिकॉर्ड रहा है कि वह हमेशा ही गलत चाहे वह कुछ भी हो, आवाज उठाता है। वहां छात्रों को समाज में सही और गलत को लेकर आवाज उठाने की पूरी आजादी है और जेएनयू में इस बात की परंपरा भी रही है। लिहाजा बेहतर होता कि एमएलए महोदय अपने तथ्यहीन आंकड़ों के बजाए जेएनयू के गरिमामय अतीत और सुनहरे भविष्य से जुड़े आंकड़ों को देश और दुनिया के सामने रखते। ऐसा करने से विधायक महोदय की शान में इजाफा होता और देश के लोगों को भी सच्चाई का पता चलता। विधायक जी बेहतर होगा कि अलवर के रामगढ़ की जनता की इमानदारी से सेवा करें। उन्होंने बड़े उम्मीद से आपको विजयी बनाकर भेजा है। उनकी उम्मीदों और अरमानों को झूठे वादों के जरिए कुचलने का प्रयास नहीं करें। अपने विधानसभा क्षेत्र में जाकर देखें कि सड़क, बिजली, पानी, अस्पताल, स्कूल, कॉलेज और तमाम दूसरी बुनियादी सुविधाएं है या नहीं। जेएनयू की चिंता से मुक्त होकर विधायक जी आप अपने काम पर ध्यान दें और जेएनयू को अपना काम बेहतर तरीके से करने का मौका दें। बेवजह की टोकाटोकी ना तो आपके लिए ठीक है और नहीं देश की जनता के लिए।
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