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बुधवार, 30 मार्च 2016
निर्यात बढ़ाने की राह में निवेश और मॉनसून बड़ी चुनौती- वित्तमंत्री
केंद्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने कहा कि भारत में आर्थिक सुधार को पूरी तरह स्वीकार कर लिया गया है। खासकर कराधान सुधार और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मामले में उन्होंने कहा भारत इस समय तीन बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है। इनमें सिकुड़ते वैश्विक व्यापार को देखते हुए निजी निवेश को बढ़ाना, दो लगातार खराब मानसून के बाद बेहतर मानसून की आशा ताकि अपर्याप्त बारिश की समस्या से बचा जा सके। वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री सुश्री जुली बिशप से मुलाकात के दौरान ये बातें कहीं।
ऑस्ट्रेलिया के चार दिनों के आधिकारिक दौरे के दूसरे दिन उन्होंने कहा कि भारत में विभिन्न क्षेत्रों में विदेशी निवेश की बहुत अधिक संभावनाएं है। इनमें अन्य क्षेत्रों के साथ रेलवे, रक्षा उपकरण निर्माण के क्षेत्र शामिल हैं जिनमें प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की मंजूरी दी गई है। वित्त मंत्री ने मौजूदा भारत सरकार द्वारा 22 महीने के दौरान आर्थिक सुधार के उठाये गए कदमों और पहलों के बारे बातचीत की और ऑस्ट्रेलिया के उद्योगपतियों को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया।
इस मौके पर ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री जुली बिशप ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया भारत को विभिन्न तरह की सेवाएं प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इनमें अन्य क्षेत्रों के अलावा नवाचार, अनुसंधान और विकास तथा डिजाइनिंग, व्यावसायिक प्रशिक्षण और कौशल विकास के क्षेत्र में विशेष रूप से ऑस्ट्रेलिया अपनी सेवाएं दे सकता है।
वित्त मंत्री ने बताया कि भारत में नौजवान उद्योगपतियों के बीच नवाचार को बढ़ावा देने के लिए स्टार्ट-अप योजना शुरू की गई है। श्री जेटली ने यूरेनियम की आपूर्ति के लिए नागरिक नाभिकीय सहयोग पर प्रशासनिक व्यवस्था करने के लिए ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री को धन्यवाद दिया।
हाल के वर्षों में दोनों देशों के बीच उच्चस्तरीय दौरों को याद करते हुए दोनों नेताओं ने कई क्षेत्रों और द्विपक्षीय सहयोग पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने विभिन्न द्विपक्षीय और वैश्विक विकास पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी संपर्क के महत्व पर प्रकाश डाला और ऑस्ट्रेलिया में होने वाले फेस्टिवल ऑफ इंडिया तथा बढ़ते पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का स्वागत किया।
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