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बुधवार, 9 मार्च 2016
विज्ञापन के जरिए मुनाफा बढ़ाने के लिए रेलवे अर्नेस्ट एंड यंग की मदद लेगी
स्टेशनों और रेलगाडि़यों के जरिये विज्ञापन क्षमता के दोहन के लिए भारतीय रेलवे ने अर्नेस्ट एंड यंग को सलाहकार नियुक्त किया है। अर्नेस्ट एंड यंग विज्ञापन के उद्देश्य के लिए 7000 से ज्यादा रेलवे स्टेशनों की परिसम्पत्ति और मूल्य रणनीति की पहचान करेगा। पहली बार देश में रेलवे के लिए विज्ञापनों पर इस तरह की व्यापक परियोजना शुरू की गई है। रेल मंत्री सुरेश प्रभु की ओर से गैर किराया बॉक्स रूट के जरिये राजस्व बढ़ाना लक्ष्य है। इससे विज्ञापनदाताओं के कारोबार को सुगम बनाने और जिम्मेदारी बढ़ाने में मदद मिलेगी, साथ ही, विशिष्ट जनसंख्यागत और भौगोलिक जरूरतों को बढ़ाने में भी सहायता मिलेगी। इस माध्यम से विज्ञापनदाताओं को अपने निवेश की वापसी संबंधी आकलन में भी मदद मिलेगी। अर्नेस्ट एंड यंग बीमा, टैक्स, कारोबार और परामर्श सेवाओं का वैश्विक नेतृत्वकर्ता है।
भारतीय रेलवे ने अर्नेस्ट एंड यंग को अपने व्यापक विज्ञापन अभियान में शामिल किया है। यह वैश्विक कंपनी भारतीय रेलवे में योगदान से विभाग स्टेशनों और रेलगाडि़यों में व्यापक रूप से विज्ञापन क्षमता के अवसरों की पहचान और उसे पूरा करने के तौर-तरीकों पर सलाहकार के रूप में अपनी भूमिका निभायेगी। अर्नेस्ट एंड यंग बहुराष्ट्रीय पेशवर सेवाएं देने वाली कंपनी है और इसका मुख्यालय लंदन में है। यह बीमा, टैक्स, लेन-देन व्यापार और परामर्श सेवाएं प्रदान करने वाली अग्रणी वैश्विक कंपनी भी है। इसका कई देशों के साथ कारोबार है और यह अलग से कानूनी कार्यक्रम भी चलाती है। रेलवे जैसे सार्वजनिक उपक्रम के तहत राइट्स सलाहकार विभाग है और इसने अर्नेस्ट एंड यंग को बहुपार्टी नीलामी संबंधी सेवाएं दे रखी हैं।
रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु हमेशा विज्ञापनों के जरिये नॉन फेयर बॉक्स रूट से राजस्व बढ़ाने पर जोर देते रहे हैं। शुरुआती पहल इस बात का संकेत है कि अगले कुछ वर्षों में भारतीय रेलवे अपने विज्ञापन पर 5000 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करेगा।
अर्नेस्ट एंड यंग को भारतीय रेलवे ने अपनी क्षमताओं का विज्ञापन करने के मद में समूचे देश के करीब 7,000 रेलवे स्टेशनों के व्यापक नेटवर्क के तहत चलने वाली रेलगाडि़यों और उसकी पूंजी क्षमता को जांचने के लिए यह जिम्मेदारी सौंपी है। अर्नेस्ट एंड यंग ने अपने विशिष्ट कार्यक्रमों के तहत मार्केटिंग एंड एडवरटाइजिंग रिस्क सर्विसेज (मार्स) को रेलवे की सेवाओं के लिए प्रस्तुत करने का प्रस्ताव किया है। इससे समूचे भारत के रेलवे स्टेशनों की क्षमता की पहचान करने में मदद मिलेगी और विज्ञापनदाताओं को अपनी मूल्यगत रणनीति को विकसित करने में सहूलियत होगी। कंपनी ने अपना काम शुरू कर दिया है।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष श्री ए. के. मित्तल ने विभाग के अधिकारियों और अर्नेस्ट एंड यंग के अधिकारियों के बीच हुई बातचीत के बारे में कहा कि ‘दोनों के बीच वार्ता का दौर समाप्त हो गया है। उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे ने इस पहल के जरिये यात्रियों पर कोई बोझ बढ़ाये बिना राजस्व बढ़ाने का फैसला किया है। अर्नेस्ट एंड यंग और भारतीय रेलवे परिसम्पत्तियों के अधिकतम असरदार दोहन के लिए इस परियोजना के जरिये अग्रणी विज्ञापन उत्पन्न करने वाली कंपनी होगी। अतीत में रेलवे ने विज्ञापन के जरिये राजस्व कमाये थे लेकिन गाडि़यों और स्टेशनों पर विज्ञापन के लिए जगह सीमित रही है। पहली बार देश में व्यापक पैमाने पर परियोजना की पहचान की गई और समूचे भारत में विज्ञापन के मौकों का सूत्रपात हुआ।’ अर्नेस्ट एंड यंग के भागीदार और मीडिया और मनोरंजन के राष्ट्रीय सूत्रधार श्री फारूख बलसारा ने कहा, ‘इतने व्यापक पैमाने पर परिसम्पत्ति के विज्ञापन के वास्ते दोहन और इस काम के लिए राष्ट्रव्यापी मूल्यांकन कभी नहीं हुआ था। हमें बेहद खुशी है और परियोजना में भारतीय रेलवे के जुड़ने पर हमें गर्व भी है। इस कार्य से विज्ञापन के जरिये राजस्व बढ़ेगा और इसके बदले यात्रियों की सेवाओं में सुधार और रेल नेटवर्क का विस्तार होगा। इस कार्य से कामकाज में बेहतरी आयेगी।’ भारत में अर्नेस्ट एंड यंग निदेशक भारत राजमणि ने बताया, ‘इस पहल से हम अपने लक्ष्य यानी यात्रियों तक पहुंचेंगे और विज्ञापनदाता के रूप में नया माध्यम भी पैदा होगा। भारतीय रेलवे अपनी उच्च पहुंच और भारी-भरकम कार्यों में गतिशीलता आयेगी। इससे स्थानीय और राष्ट्रीय ग्राहकों दोनों को फायदा होगा।’
भारतीय रेलवे की इस अनोखी पहल से निवेश की भरपाई में स्वाभाविक मदद मिलेगी। इसके अलावा, विज्ञापन के परम्परागत तौर-तरीके से निजात मिलने के साथ ही ज्यादा समय के लिए ज्यादा यात्रियों और ग्राहकों को लाभ पहुंचाना सुनिश्चित होगा। इसके अतिरिक्त, रेलवे अपनी टिकटिंग और स्टेशन से जुड़े आंकड़े को व्यवस्थित कर पायेगा।
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